होली: Holi: Festival of colours

होली, रंगों और खुशियों का त्योहार:

होली को कई नामों से जाना जाता है| इसे  ‘बसंतोत्सव’ और ‘धुलंडी’ के नाम से भी पुकारा जाता है|  होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे पर रंग, गुलाल और पिचकारी से रंग डालते हैं।  यह त्योहार हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण है और सामाजिक सद्भाव और भाईचारे का भी प्रतीक है|

होली का महत्व :

  • होली का धार्मिक और सामाजिक दोनों ही तरह का महत्व है| धार्मिक रूप से होली, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है| हिंदू धर्म में होलिका दहन की कथा प्रचलित है, जिसमें भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान विष्णु ने अपने नृसिंह अवतार में हिरण्यकश्यप का वध किया था| वहीं, सामाजिक रूप से होली आपसी मतभेद भुलाकर एक-दूसरे के रंग लगाने का अवसर प्रदान करती है. यह त्योहार भेदभाव हटाकर भाईचारे का संदेश देता है|

होली का इतिहास:

होली का इतिहास काफी प्राचीन है| कई विद्वानों का मानना है कि होली का उल्लेख प्राचीन वैदिक ग्रंथों में भी मिलता है| होली से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें से दो प्रमुख कथाएं हैं:

  • होलिका दहन की कथा: इस कथा के अनुसार, हिरण्यकश्यप नामक राजा को यह अभिमान हो गया था कि वह अमर है| उसका पुत्र प्रह्लाद जो भगवान विष्णु का भक्त था| हिरण्यकश्यप अपने पुत्र को भगवान विष्णु की भक्ति से विमुख करना चाहता था लेकिन प्रह्लाद अडिग रहा.| हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को अग्नि से सुरक्षित रहने का वरदान प्राप्त था| उसने प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठने की कोशिश की लेकिन होलिका खुद जल गई और प्रह्लाद भगवान विष्णु की कृपा से बच गया| इसी उपलक्ष्य में होलिका दहन किया जाता है|
  • कृष्ण और राधा की लीला: भगवान कृष्ण राधा और गोपियों के साथ होली खेलते थे| ब्रज में आज भी होली के पर्व को खास महत्व दिया जाता है. यहां पर लठमार होली और फाग उत्सव धूमधाम से मनाए जाते हैं|

होली कैसे मनाएं?

इस साल होलिका दहन 24 मार्च को होगा। होली का पर्व दो दिनों तक मनाया जाता है. पहला दिन होलिका दहन का होता है और दूसरा दिन धुलंडी या रंग वाली होली का| आइए देखें कि आप कैसे होली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मना सकते हैं:

1. होलिका दहन : होलिका दहन के दिन लोग शाम के समय सार्वजनिक स्थानों पर लकड़ी और उपलों से होलिका जलाते हैं. होलिका दहन से पहले लोग अपने घरों में पूजा-अर्चना भी करते हैं|

2. रंग वाली होली : रंग वाली होली के दिन सुबह से ही लोग एक-दूसरे को रंग लगाना शुरू कर देते हैं. इस दिन सूखे रंगों (गुलाल) और रंगीन पानी से खेलते हैं| ढोल की थाप पर लोग नाचते गाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं|

कुछ महत्वपूर्ण बातें:

  • केमिकल युक्त रंगों से त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है|
  • होली खेलते समय प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें|
  • होली खेलने के लिए ढीले और पुराने कपड़े पहनें|
  • होली खेलने के बाद त्वचा और बालों को अच्छी तरह साफ करें|

3. परंपरागत व्यंजन और मीठे 

होली के पर्व पर तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन और मीठे तैयार किए जाते हैं. कुछ लोकप्रिय व्यंजनों में शामिल हैं:

  • गुझिया: यह होली की सबसे प्रसिद्ध मिठाई है| मैदे से बनी कचौरी में मेवे और खोया का मीठा मिश्रण भरकर गुझिया बनाई जाती है|
  • दही भल्ले: ये स्वादिष्ट चटपटे दही भल्ले होली के मौसम में खूब पसंद किए जाते हैं|
  • कान्हाजी: गुजरात में होली के अवसर पर कान्हाजी नामक ठंडाई जैसा पेय बनाया जाता है. दही, दूध, खसखस और मेवों से मिलकर बनने वाला यह पेय शरीर को ठंडा रखता है|
  • भंग की थंडई: कुछ क्षेत्रों में होली पर भंग से बनी ठंडाई का सेवन किया जाता है| हालांकि, इसका सेवन करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें|

4. होली के अन्य महत्वपूर्ण बिंदु 

  • रंगोली बनाना : होली के उपलक्ष्य में घर के आंगन में रंगोली बनाई जाती है. यह सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है|
  • फाग उत्सव : ब्रज क्षेत्र में होली के दौरान फाग उत्सव का आयोजन किया जाता है. इसमें भजन, कीर्तन और रंगों का जमकर इस्तेमाल होता है|
  • लठमार होली : ब्रज क्षेत्र में ही लठमार होली का भी आयोजन होता है. इसमें महिलाएं लाठी लेकर पुरुषों को छेड़ती हैं और पुरुष ढाल से बचते हैं|

holi festival of colours

होली के सुरक्षा उपाय:

HOLI के पर्व पर रंगों से खेलने में खुशी के साथ-साथ सुरक्षा का भी ध्यान रखना जरूरी है. आइए देखें कि होली के दौरान किन सावधानियों को बरतें:

  • आंखों की सुरक्षा : होली खेलते समय आंखों में रंग जाने से बचने के लिए चश्मा पहनें|
  • त्वचा की सुरक्षा : चेहरे पर नारियल का तेल या मॉइस्चराइजर लगाएं ताकि रंग आसानी से निकल जाए|
  • बालों की सुरक्षा : बालों में तेल लगाएं या स्कार्फ बांध लें|
  • शराब के सेवन से बचें : होली के दिन शराब का सेवन ना करें|

अंतिम कुछ शब्द :

होली का त्योहार न सिर्फ रंगों और खुशियों का प्रतीक है बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का भी संदेश देता है. यह हमें आपसी मतभेद भुलाकर भाईचारे के साथ रहने की सीख देता है| आइए इस होली को प्रकृति के अनुकूल रंगों से खेलें, स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाएं और सद्भावना का संदेश फैलाएं|

होली का पर्व सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाएं और दूसरों को भी खुशियां बांटें| उम्मीद है कि इस ब्लॉग के माध्यम से आपको होली के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी| होली की शुभकामनाएं! HAPPY HOLI

आपको यह ब्लॉग कैसा लगा? हमें कमेंट करके जरूर बताएं|

People reacted to this story.
Show comments Hide comments
Comments to: होली: 25 मार्च 2024 | Holi: Festival of colours

Write a response

Your email address will not be published. Required fields are marked *