एक जमाना था जब लेन-देन करने के लिए मुद्रा की जगह चीजों का आपसी लेनदेन किया जाता था। यह शुरुआती दौर था जब लोगों लेनदेन करना शुरू किया था फिर समय बदला और उसके बाद लेन-देन करने के लिए सिक्के बनाए गए। अब कुछ खरीदने के लिए सिक्कों का प्रयोग होता था। लेकिन धीरे धीरे सिक्कों की जगह नोट का प्रचलन होने लगा, और सिक्कों का प्रयोग बहुत कम होने लगा। यानी मुद्रा का विकास नहीं थमा। कुछ सालों बाद अब साइंस ने बहुत ग्रोथ कर ली थी। सभी चीजों का डिजिटाइजेशन होने लगा। अब वर्तमान मुद्रा का भी डिजिटाइजेशन हो गया है,कशं ऐसे ही क्रिप्टो करेंसी भी है जोकि डिजिटल मुद्रा है लेकिन यह दूसरे मुद्रा से बिल्कुल भिन्न है क्योंकि इसका मुद्रण नहीं किया जा सकता।
क्रिप्टो करेंसी किसे कहते हैं
Cryptocurrency एक कंप्यूटर एल्गोरिदम पर बनी करेंसी है, जो पूर्णता डिजिटल करेंसी है। इसका लेनदेन केवल इंटरनेट के जरिए किया जा सकता है। इस करेंसी को कोई संस्था जारी नहीं करती या इसका कोई भी मालिक नहीं है जैसे कि रुपया डॉलर किसी संस्था के जरिए ही चलते हैं। यहां यह स्वतंत्र करेंसी है, जिसका उपयोग लेनदेन सहित खरीदारी के लिए भी किया जा सकता है।
जैसे एथेरियम, यार्न फाइनेंस , लाइट कॉइन
रिपल, बिट टॉरेंट, रेड काॅइन, सियाकॉइन, डोज काॅइन, आदि।
सर्वप्रथम क्रिप्टो करेंसी 2009 में बनी थी। जिसका नाम बिटकॉइन था, जो कि आज के दौर में बहुत ही प्रचलित है। इसे जापान के एक इंजीनियर ने बनाया था। लेकिन उस समय इसकी कीमत बहुत ही कम थी और यह ज्यादा प्रचलित नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे लोग इसका प्रयोग करने लगे और इसका मूल्य धीरे-धीरे बढ़ने लगा आज के दौर में यह लाखों डॉलर पर पहुंच गया है।
बिटकॉइन के अलावा बहुत सारे करेंसी है, इनकी संख्या लगभग सैकड़ों में है। सबसे पहले बिटकॉइन बना उसके बाद से ही अन्य लोगों ने करेंसी बनाना शुरू किया, कई करेंसी फेल हो गई लेकिन कहीं करेंसी सफल हो गई आज उनके मूल्य आसमान छू रहे हैं।
Crypto करे॑सी के फायदे
- क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना बहुत ही आसान होता है और फायदेमंद होता है। जब भी इसकी कीमत गिरती है तो इसे खरीद लेना चाहिए। फिर प्राइस बढ़ने पर इसे बेचकर काफी मुनाफा होता है
- क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है, इसमें धोखाधड़ी होने का खतरा नहीं रहता है।
- क्रिप्टो करेंसी पर किसी संस्था या किसी व्यक्ति का नियंत्रण नहीं है। इसलिए जो लोग अपना धन छुपा कर रखना चाहते हैं, वे लोग इसका ज्यादा प्रयोग करते हैं।
- क्रिप्टो करेंसी से जितना चाहे उतना लेनदेन किया जा सकता है। अथवा एक व्यक्ति के द्वारा एक दूसरे व्यक्ति को जो देश के बाहर है उसे भी भारी मात्रा में धन भेजा या उससे प्राप्त किया जा सकता है। यह सारा लेन-देन गुप्त रहता है।
- क्रिप्टो करेंसी के बहुत सारे ऑनलाइन वॉलेट बन गए हैं। जिसके जरिए लेन-देन बहुत ही आसान हो गया है और इसके जरिए खरीदारी भी की जा सकती है।
क्रिप्टो करेंसी से नुकसान
- क्रिप्टो करेंसी पर किया गया लेनदेन गुप्त होता है। इसलिए यहां इसका ज्यादातर प्रयोग गलत कामों में होता है। जैसे हथियार और drugs सप्लाई के लिए किया जाता है, जो कि काफी खतरनाक साबित हो सकता है ।
- क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है। इसका मुद्रण नहीं किया जा सकता अथवा क्रिप्टो करेंसी के नोट जारी नहीं किया जा सकते।
- क्रिप्टो करेंसी पूरी तरह से इंटरनेट पर आधारित है। अथवा इसे हैक करना भी उतना ही आसान है, इसलिए यह खतरे से खाली नहीं है।
- क्रिप्टो करेंसी को कंट्रोल करने के लिए कोई देश या संस्था नहीं है। जिसके कारण कि इसमें में बहुत तेजी से उछाल और गिरावट देखी जा सकती है। इसलिए इसमें निवेश करना जोखिम भरा होता है।
- यदि इसमें ट्रांजैक्शन गलती से किसी अन्य व्यक्ति को हो जाता है। तो इसमें पैसा वापस नहीं मंगवाया जा सकता क्योंकि यह किसी संस्था के कंट्रोल में नहीं है यह स्वतंत्र करेंसी है।
क्या भारत में क्रिप्टो करेंसी लीगल है या नहीं
कई देश हैं जहां क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगा रखी है। क्योंकि इसका प्रयोग इल्लीगल कामों के लिए भी होता आ रहा है। लेकिन कई देशों ने इसके प्रयोग पर इजाजत दी है। वहीं भारत में भी इस पर से पाबंदी हटा दी गई है।
आज के इस आर्टिकल में मैंने आपको क्रिप्टो करेंसी के बारे में बताया, मुझे उम्मीद है कि आपको क्रिप्टो करेंसी के बारे में पूरी जानकारी मिली होगी। अगर आर्टिकल अच्छा लगा हो तो आर्टिकल अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और हमारे ब्लॉग को फॉलो करते रहें। धन्यवाद
मेरा नाम राहुल है। मुझे ब्लॉगिंग करना अच्छा लगता है। अपने विभिन्न ब्लॉग्स पोस्ट के माध्यम से ट्रेंडिंग और रोचक जानकारी आप तक पहुंचाने का प्रयास करता हूँ। धन्यवाद।
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